History of Kedarnath temple in Hindi / केदारनाथ मंदिर का इतिहास
भारत का विश्व प्रशिद्ध मंदिर केदारनाथ जो उत्तराखंड की ऊंची ऊंची पर्वतमालाओं के बीच बसा है। यह मंदिर दुनिया के सबसे पवित्र और रहस्यमय तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर बारह ज्योतिलिंगो में गिना जाता है जो भगवान शिव को समर्पित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3583 मीटर (11755 फीट ) की ऊंचाई पर स्थित है। हिमालय की पर्वत मालाओं से घिरा हुआ केदारनाथ धाम प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचक यात्रा मार्ग इसे पर्यटकों के लिए बेहद खास बना देता है।
चारों धाम ( गंगोत्री , यमुनोत्री , केदारनाथ और बद्रीनाथ ) में से केदारनाथ को तीसरा धाम माना जाता है। यहाँ पहुँचने वाले भक्तों को दिव्या शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। हर साल यहाँ लाखों की संख्या मे श्रधालुओं की भीड़ उमड़ी रहती है।
केदारनाथ धाम का संबंद महाभारत काल से माना जाता है कहते है की जब युद्ध के बाद पांडव अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवन शिव की शरण में गए और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत से प्रयास किये लेकिन भगवन शिव पांडवो से प्रसन्न नहीं हुए और न ही उनसे मिलने आए और भगवान शिव को पांडव न ढूढ पाये उसके लिए भगवान शिव नंदी रूप धारण करके गुप्तकाशी के जंगलो मे छिप गए। जब पांडवो ने शिव जी को पहचान लिया तो वो धरती में समां गए। इसी दौरान उनकी गर्दन केदारनाथ में प्रकट हुए तभी यह स्थान केदारनाथ कहलाया। शिव जी के शरीर के अन्य हिस्से अलग अलग स्थानों पर प्रकट हुए जिन्हे पंच केदार के नाम से जाना जाता है।
- केदारनाथ - भगवान शिव की गर्दन (कंठ )
- तुंगनाथ - शिव की भुजाये
- रुद्रनाथ - शिव का मुख
- मध्यमहेश्वर - भगवान शिव की नाभि और उदर
- कल्पेश्वर - भगवान शिव की जटाये
केदारनाथ कैसे पहुंचे ?/ How to Reach Kedarnath
केदारनाथ यात्रा के लिए जरुरी टिप्स / Travel Tips
- केदारनाथ यात्रा के दौरान आप हमेशा गर्म कपडे अपने पास रखें क्योकि यहाँ रात में तापमान शून्य डिग्री सेलशयस के आस पास पहुँच जाता है।
- स्पोर्ट्स शूज या ट्रैकिंग शूज पहनें।
- रैनकोट या छाता अपने पास रखें क्योकि यहाँ मौसम कभी भी बदल जाता है।
- अगर आपको केदारनाथ की यात्रा करनी है तो यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सितम्बर या अक्टूबर का होता हैं क्योकि जून जुलाई के टाइम यहाँ भारी वर्षा के कारण भूस्खलन वगेरा की समस्या बनी रहती है।

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