Nainital history & Travel Guide / नैनीताल (City of Lakes)

 

उत्तराखंड की गोद में बसा नैनीताल (Nainital) एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो अपनी खूबसूरत झीलों, बर्फ  से भरे पहाड़ों और शांत वातावरण के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। नैनीताल को  झीलों का शहर (City of Lakes)” कहा जाता है, क्योंकि यहां चारों ओर प्राकृतिक झीलें और ताल हैं। यह समुद्र तल से लगभग 2,084 मीटर (6,837 फीट) की ऊँचाई पर स्थित नैनीताल पर्यटकों के बीच इतना लोकप्रिय है कि हर साल लाखों लोग यहां छुट्टियाँ बिताने आते हैं। यह जगह हनीमून कपल्स, फैमिली ट्रिप (FAMILY TRIP), धार्मिक यात्रा, और रोमांच (Adventure) पसंद करने वालों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। 



नैनीताल क्यों खास है

  • यह उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन है।
  • नैनी झील के चारों ओर बसा यह शहर ब्रिटिश काल से ही पर्यटन का केंद्र रहा है।
  • यहां का मौसम पूरे साल सुहावना रहता है।
  • नैनी देवी मंदिर और कई अन्य धार्मिक स्थल यहां की आध्यात्मिक पहचान हैं।
  • बोटिंग, ट्रैकिंग, रोपवे, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियाँ इसे Adventure Tourism का हब बनाती हैं।

नैनीताल का इतिहास/ (History of Nainital)

पौराणिक कथा

नैनीताल का नाम "नैना देवी" से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि जब भगवान शिव माता सती के शव को लेकर पृथ्वी पर विचरण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उस शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया। जिन स्थानों पर माता सती के अंग गिरे, वहाँ शक्तिपीठ बना दिए गये। 

इसी मान्यता के अनुसार, माता सती की आँखें (Naina) यहीं गिरी थीं, और यही स्थान आज नैना देवी मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है।

ब्रिटिश काल का इतिहास

1839 में नैनीताल को ब्रिटिश अधिकारियों ने एक हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया।

अंग्रेजों ने इसे समर कैपिटल (Summer Capital) बनाया, क्योंकि यहाँ का मौसम ठंडा और आरामदायक था।

यहाँ नैनीताल म्युनिसिपलिटी की स्थापना 1845 में हुई थी।

अंग्रेजों ने कई स्कूल, चर्च और भवन बनाए, जो आज भी यहां की पहचान हैं।

स्वतंत्रता संग्राम के समय

नैनीताल का कुमाऊँ क्षेत्र स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रहा।

यहाँ से कई स्वतंत्रता सेनानी निकले जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया।

आधुनिक नैनीताल

आज नैनीताल सिर्फ एक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, बल्कि यह उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग की रीढ़ बन चुका है।

 नैनीताल का भूगोल और जलवायु (Geography & Climate of Nainital)

भौगोलिक स्थिति

राज्य: उत्तराखंड

जिला: नैनीताल

ऊँचाई: 2,084 मीटर (6,837 फीट)

अक्षांश: 29.38° N

देशांतर: 79.45° E

नैनीताल की सबसे बड़ी पहचान है इसकी झीलें (Lakes) मुख्य नैनी झील के अलावा यहां कई अन्य झीलें हैंभीमताल, सातताल, नौकुचियाताल।

नैनी झील का भूगोल

नैनी झील एक अंडाकार (Oval-shaped) झील है, जो लगभग 2 किमी लंबी और 0.5 किमी चौड़ी है। यह झील पहाड़ों से घिरी हुई है, जिनमें नैना पर्वत, देवरथ पर्वत और आयर पैठा प्रमुख हैं।

जलवायु (Climate)

नैनीताल का मौसम पूरे साल सुहावना रहता है, लेकिन हर मौसम की अपनी खासियत है।

गर्मी (मार्च से जून): तापमान 10°C से 27°C के बीच। घूमने के लिए सबसे अच्छा समय।

मानसून (जुलाई से सितंबर): यहां भारी वर्षा होती है। झीलें और झरने इस समय बेहद खूबसूरत लगते हैं।

सर्दी (अक्टूबर से फरवरी): तापमान -3°C तक गिर जाता है। बर्फबारी देखने का सबसे अच्छा समय।

जैव विविधता (Biodiversity)

नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्र में वनस्पति और जीव-जंतु की कई दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

पेड़: देवदार, बुरांश (Rhododendron), चीड़

जानवर: कस्तूरी मृग, हिमालयन भालू, तेंदुआ ,पक्षी: हिमालयन मोनाल, वुडपैकर, ब्लैक बुलबुल

 नैनीताल की प्रसिद्ध झीलें (Famous Lakes of Nainital)

नैनीताल कोझीलों का शहर (City of Lakes)” कहा जाता है, क्योंकि यहां कई खूबसूरत झीलें स्थित हैं। इन झीलों के बिना नैनीताल की पहचान अधूरी है। हर झील की अपनी अलग खासियत और कहानी है।

नैनी झील (Naini Lake)



नैनीताल की पहचानयह झील शहर के बीचोंबीच स्थित है और अंडाकार आकार की है।

लंबाई: लगभग 2 किमी

चौड़ाई: 500 मीटर

गहराई: 30 मीटर तक

यह झील नैनीताल का मुख्य आकर्षण है। पर्यटक यहां बोटिंग, पैडलिंग और याचिंग का आनंद लेते हैं। झील के चारों ओर फैली रोशनी रात में इसे किसी दर्पण की तरह चमका देती है।

भीमताल (Bhimtal Lake)



यह नैनीताल से लगभग 22 किमी दूर है।

इसका नाम महाभारत के पात्र भीम के नाम पर पड़ा है।

नैनीताल के मंदिर और धार्मिक स्थल

रोमांच और गतिविधियाँ (Adventure & Activities)


 नैनीताल के मंदिर और धार्मिक स्थल (Temples & Religious Places of Nainital)

नैनीताल सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य और झीलों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां कई मंदिर हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को आकर्षित करते हैं।

नैना देवी मंदिर (Naina Devi Temple)

यह नैनीताल का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। मंदिर नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है। मान्यता है कि यहां माता सती की आंखें (Naina) गिरी थीं। मंदिर में माता नैना देवी, काली माता और भगवान गणेश की मूर्तियाँ स्थापित हैं। यह मंदिर शक्ति पीठ के रूप में भी माना जाता है। हर साल नवरात्रि में यहां विशाल मेले का आयोजन होता है।

हनुमानगढ़ी मंदिर (Hanuman Garhi Temple)

नैनीताल से लगभग 3 किमी की दूरी पर यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है। यहां भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा स्थापित है। सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए यह पॉइंट बेहद प्रसिद्ध है।

कालीचौड़ मंदिर (Kali Chaur Temple)

यह मंदिर नैनीताल के पास स्थित है और मां काली को समर्पित है। यहां सालभर भक्तों की भीड़ रहती है।

गोरखालय मंदिर (Ghorakhal Temple)

यह मंदिर भगवान गोरखनाथ को समर्पित है। यहां हजारों घंटियाँ लटकी हुई हैं, जिन्हें भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर चढ़ाते हैं।

स्ट. जॉन्स चर्च (St. John in the Wilderness Church)

यह नैनीताल का सबसे पुराना चर्च है। इसका निर्माण ब्रिटिश काल (1844) में हुआ था। इसकी गोथिक वास्तुकला और शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है।

नैनीताल में रोमांच और गतिविधियाँ (Adventure & Activities in Nainital)

नैनीताल सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि Adventure Lovers के लिए भी एक बेहतरीन जगह है। यहां कई प्रकार की रोमांचक गतिविधियाँ की जा सकती हैं।

बोटिंग और याचिंग (Boating & Yachting)

नैनी झील में बोटिंग नैनीताल का सबसे लोकप्रिय आकर्षण है। पैडल बोट, रो बोट और याचिंग की सुविधा यहां उपलब्ध है। गर्मियों और छुट्टियों के समय यहां बोटिंग का अनुभव अद्भुत होता है।

ट्रैकिंग और हाइकिंग (Trekking & Hiking)

नैनीताल के चारों ओर कई ट्रैकिंग रूट्स हैं जो प्रकृति प्रेमियों के लिए खास हैं। नैना पीक (China Peak): नैनीताल की सबसे ऊँची चोटी (2,615 मीटर)। टिफिन टॉप ट्रेक: आसान और खूबसूरत ट्रैक। लैंड्स एंड: यहां से झीलों का शानदार नजारा मिलता है।

पैराग्लाइडिंग (Paragliding)

नौकुचियाताल और भीमताल में पैराग्लाइडिंग की सुविधा है। यहां से उड़ान भरते हुए झीलों और पहाड़ों का नजारा देख कर आप आनंद ले सकते है 

कैंपिंग (Camping)

सात-ताल और पंगोट जैसी जगहें कैंपिंग और बोनफायर के लिए आदर्श हैं। यहां तारों भरा आसमान और जंगल का सुकून एक अलग ही अनुभव देता है।

वाइल्डलाइफ टूरिज्म (Wildlife Tourism)

पंगोट और किलबरी बर्ड सेंचुरी बर्ड वॉचिंग के लिए मशहूर है। यहां लगभग  500 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। पास में स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क भी रोमांचक का अनुभव देता है।

नैनीताल के आसपास घूमने की जगहें (Nearby Destinations from Nainital)

नैनीताल के पास कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें साथ में घूमना ट्रिप को और यादगार बना देता है।

मुक्तेश्वर (Mukteshwar)

नैनीताल से लगभग 48 किमी दूर स्थित है। यह जगह अपने मुक्तेश्वर महादेव मंदिर और सेब के बागानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां से हिमालय की चोटियों का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है।

रामगढ़ (Ramgarh)

इसेफलों का कटोरा (Fruit Bowl of Kumaon)” कहा जाता है। यहां खुबानी, आड़ू, बेर और सेब के बगीचे हैं।यह शांत और भीड़ से दूर जगह है।

अल्मोड़ा (Almora)

नैनीताल से लगभग 63 किमी दूर यह जगह अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती है। कसार देवी मंदिर और चितई गोलू देवता मंदिर यहां प्रमुख आकर्षण हैं।

काठगोदाम (Kathgodam)

नैनीताल का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन।समुद्र तल से नीचे बसा यह कस्बा नैनीताल का “Gateway” माना जाता है।

कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park)

नैनीताल से लगभग 65 किमी दूर है। यह भारत का पहला नेशनल पार्क है (1936)। यहां बाघ, तेंदुआ, हाथी और सैकड़ों पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहां जीप सफारी का रोमांच सबसे खास अनुभव है।

 नैनीताल यात्रा गाइड (Nainital Travel Guide)

नैनीताल कैसे पहुँचे (How to Reach Nainital)

 सड़क मार्ग (By Road):

नैनीताल उत्तराखंड और उत्तर भारत के बड़े शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

दिल्ली से नैनीताल की दूरी लगभग 320 किमी है, जो 7–8 घंटे में पूरी होती है।

हाईवे नैनीताल को जोड़ता है।

 

रेल मार्ग (By Train):

निकटतम रेलवे स्टेशन: काठगोदाम (Kathgodam)

नैनीताल से दूरी: 34 किमी

काठगोदाम से टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं।

 वायु मार्ग (By Air):

निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर एयरपोर्ट (Pantnagar Airport) नैनीताल से दूरी: 70 किमी यहां से टैक्सी और कैब आसानी से मिल जाती हैं। घूमने का सही समय (Best Time to Visit Nainital) गर्मी (मार्चजून): बोटिंग और एडवेंचर के लिए सबसे अच्छा समय। मानसून (जुलाईसितंबर): प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफर्स के लिए आदर्श।सर्दी (अक्टूबरफरवरी): बर्फबारी का आनंद और हनीमून के लिए बेहतरीन समय।

Nainital Travel Plan -

 2 दिन का प्लान (Short Trip):

 Day 1: नैनी झील, नैना देवी मंदिर, मॉल रोड, केबल कार

 Day 2: स्नो व्यू पॉइंट, टिफिन टॉप, चिड़ियाघर

 5 दिन का प्लान (Extended Trip):

 Day 1: नैनी झील और आसपास

 Day 2: भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल

 Day 3: हनुमानगढ़ी, टिफिन टॉप, गवर्नर हाउस

 Day 4: पंगोट बर्ड वॉचिंग और कैंपिंग

 Day 5: कॉर्बेट नेशनल पार्क सफारी

 नैनीताल की संस्कृति, भोजन और शॉपिंग (Culture, Food & Shopping in Nainital)

 संस्कृति (Culture of Nainital)

नैनीताल उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र का हिस्सा है और यहां की संस्कृति कुमाऊँनी परंपराओं से जुड़ी हुई है।

यहां के लोग कुमाऊँनी भाषा बोलते हैं।

लोक नृत्य जैसे छपेली, झोड़ा और चांचरी खास पहचान रखते हैं।

बुरांश (Rhododendron) का फूल यहां का राज्य फूल है और इसका रस गर्मियों में बहुत पसंद किया जाता है।

 भोजन (Local Food of Nainital)

नैनीताल का खाना अपने खास कुमाऊँनी स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। भट्ट की चुरकानी: काले सोयाबीन से बनी डिश। गहट की दाल: पहाड़ी मसूर दाल, स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट। रस भात: चावल और दालों से बनी पारंपरिक डिश। आलू के गुटके: मसालेदार आलू की सब्ज़ी, स्थानीय व्यंजन। सिंघोरी मिठाई: माल्टा पत्ते में लिपटी खोए की मिठाई।

 शॉपिंग (Shopping in Nainital)

मॉल रोड: कपड़े, हैंडीक्राफ्ट्स, लकड़ी की मूर्तियाँ।

भूटिया बाजार (Tibet Market): ऊनी कपड़े, जैकेट्स और शॉल्स।

बड़ा बाजार: मसाले, मोमबत्तियाँ और स्थानीय हस्तशिल्प।

लाभार्थ: मोमबत्तियाँ नैनीताल की खास पहचान हैं।


नैनीताल के प्रमुख त्योहार (Festivals of Nainital)


नैनी झील महोत्सव (Naini Lake Festival)

हर साल जून में आयोजित होता है।

इसमें बोटिंग प्रतियोगिताएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोक नृत्य शामिल होते हैं।

 शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri at Naina Devi Temple)

नैना देवी मंदिर में 9 दिनों तक भव्य आयोजन होता है। श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं।

क्रिसमस और न्यू ईयर (Christmas & New Year Celebration)

ब्रिटिश काल से ही नैनीताल में क्रिसमस बड़े स्तर पर मनाया जाता है। इस समय मॉल रोड और चर्च सजावट से जगमगाते हैं।


 निष्कर्ष (Conclusion)

नैनीताल वास्तव में एक संपूर्ण पर्यटन स्थल है – यहाँ की झीलें शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कराती हैं।मंदिर और धार्मिक स्थल आस्था से जोड़ते हैं। रोमांचक गतिविधियाँ एडवेंचर का मज़ा देती हैं। संस्कृति, भोजन और शॉपिंग हर यात्री को यहां बार-बार आने के लिए प्रेरित करती हैं। अगर आप पहाड़ों, प्रकृति, रोमांच और संस्कृति का संगम देखना चाहते हैं, तो नैनीताल से बेहतर जगह और कोई नहीं। अगर आप राफ्टिंग , बोटिंग , पैराग्लिडिंग करना चाहते है तो आप भी नैनीताल मैं आ कर इनका अनुभव ले सकते है। 


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